➤ संजौली मस्जिद विवाद पर आंदोलन फिलहाल स्थगित
➤ प्रशासन ने 29 नवंबर को वार्ता और लिखित आश्वासन देने की बात कही
➤ आमरण अनशन खत्म, क्रमिक अनशन जारी
संजौली की कथित अवैध मस्जिद को लेकर पिछले कई दिनों से जारी विवाद और विरोध के बीच अब बड़ी राहत की खबर सामने आई है। हिंदू संघर्ष समिति द्वारा प्रस्तावित बड़ा आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन की ओर से आश्वासन मिलने के बाद यह फैसला लिया गया है। जानकारी के अनुसार, 29 नवंबर को प्रशासन और संगठन के पदाधिकारियों के बीच औपचारिक वार्ता होगी और इससे पहले प्रशासन मांगों पर लिखित आश्वासन देगा।
हिंदू संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल आमरण अनशन समाप्त कर दिया गया है, लेकिन क्रमिक अनशन जारी रहेगा। संगठन का कहना है कि जब तक प्रशासन ठोस कार्रवाई और लिखित गारंटी नहीं देता, तब तक विरोध पूरी तरह खत्म नहीं होगा।
विवाद की शुरुआत तब हुई जब पिछले शुक्रवार को नमाज पढ़ने से रोकने के आरोप में पुलिस ने हिंदू संगठन के छह कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज की थी। स्थानीय महिलाओं ने कथित अवैध मस्जिद के निर्माण पर आपत्ति जताई थी और नमाज पढ़ने जा रहे लोगों का शांतिपूर्ण विरोध किया था। इसके बाद 18 नवंबर से संगठन के सदस्य थाने के बाहर अनशन पर बैठ गए थे और शुक्रवार से बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी।
संगठन की सह संयोजक मदन ठाकुर ने आरोप लगाया कि बिना शिकायत SHO स्तर पर FIR दर्ज की गई, जो पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पहले भी एमसी कोर्ट और जिला अदालत संजौली मस्जिद को अवैध निर्माण घोषित कर चुके हैं और इसे तोड़ने के आदेश भी दिए जा चुके हैं, लेकिन आज तक न बिजली काटी गई, न पानी, न ही मस्जिद सील की गई।
मदन ठाकुर ने यह भी कहा कि वह केवल अदालत के आदेशों के पालन की मांग कर रहे हैं और प्रशासन को समुदायों के बीच तनाव बढ़ने से पहले कार्रवाई करनी चाहिए।
इस पूरे विवाद की जड़ अगस्त 2024 की वह घटना है जिसमें मल्याणा में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसी घटना के बाद 1 सितंबर 2024 को संजौली मस्जिद के बाहर तनाव बढ़ा और विरोध प्रदर्शनों ने एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया। विवाद धीरे-धीरे एक संवेदनशील सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दे में बदल गया, जो अब तक जारी है।
अब जबकि बातचीत का प्रस्ताव और लिखित आश्वासन सामने आया है, उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले का समाधान संवाद के माध्यम से निकल सकेगा। हालांकि आंदोलन स्थगित जरूर हुआ है, लेकिन विवाद अभी पूरी तरह समाप्त नहीं माना जा रहा है।



